Chot Shayari In Hindi | चोट शायरी हिंदी में
Chot Shayari In Hindi (चोट शायरी हिंदी में) सम्बंधित हर शायरी पोस्ट के अन्दर है.
Chot Shayari
रियाज एहसास ए खुद्दारी पे कितनी चोट लगती है
किसी के पास जब जाता है कोई मुद्दआ ले कर
चोट जब दिल पर लगे फरियाद पैदा क्यूँ न हो
ऐ सितम आरा जो ऐसा हो तो ऐसा क्यूँ न हो
इश्क की चोट का कुछ दिल पे असर हो तो सही
दर्द कम हो या जियादा हो मगर हो तो सही
मुश्किल बहुत पड़ेगी बराबर की चोट है
आईना देखिएगा जरा देख भाल के
और इक चोट दीजिए मुझ को!
मेरी तकलीफ ना मुकम्मल है
चमक उठे हैं थपेड़ों की चोट से कतरे
सदफ की गोद में अंजुम गुहर नहीं आए
जगह बची ही नहीं दिल पे चोट खाने की
उठा लो काश ये आदत जो आजमाने की
दिल चोट सहे और उफ न करे ये जब्त की मंजिल है लेकिन
सागर टूटे आवाज न हो ऐसा तो बहुत कम होता है
आँख उठाई ही थी कि खाई चोट
बच गई आँख दिल पे आई चोट
कभी जिगर पे कभी दिल पे चोट पड़ती है
तिरी नजर के निशाने बदलते रहते हैं
जिगर की चोट ऊपर से कहीं मा लूम होती है
जिगर की चोट ऊपर से नहीं मा लूम होती है
वो कहते हैं हर चोट पर मुस्कुराओ
वफा याद रक्खो सितम भूल जाओ
अब देख के अपनी सूरत को इक चोट सी दिल पर लगती है
गुजरे हुए लम्हे कहते हैं आईना भी पत्थर होता है
चोट खाए हुए लम्हों का सितम है कि उसे
रूह के चेहरे पे दिखते हैं मुहाँसे कितने
फिर कोई चोट उभरी दिल में कसक सी जागी
यादों की आज शायद पुर्वाई चल रही है
मैं चोट कर तो रहा हूँ हवा के माथे पर
मजा तो जब था कि कोई निशान भी पड़ता
मेरे तीखे की कीमत दुखती रग पर कारी चोट
चिकनी चुपड़ी गजलें बे शक आप खरीदें सोने से
दिल पर चोट पड़ी है तब तो आह लबों तक आई है
यूँ ही छन से बोल उठना तो शीशे का दस्तूर नहीं
खूब गहरी जो लगी चोट तो हम ने जाना
वक्त लगता है किसी दर्द को जाते जाते
जो आए हश्र में वो सब को मारते आए
जिधर निगाह फिरी चोट पर लगाई चोट
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