Dupatta Shayari In Hindi | डूपट्टा शायरी हिंदी में
Dupatta Shayari In Hindi (डूपट्टा शायरी हिंदी में) सम्बंधित हर शायरी पोस्ट के अन्दर है.
Dupatta Shayari
या डूपट्टा न लीजिए सर पर
या डूपट्टा सँभाल कर चलिए
ये सैर है कि डूपट्टा उड़ा रही है हवा
छुपाते हैं जो वो सीना कमर नहीं छुपती
डर है न डूपट्टा कहीं सीने से सरक जाए
पंखा भी हमें पास से झलने नहीं देते
चुपके चुपके रोते हैं मुँह पर डूपट्टा तान कर
घर जो याद आया किसी का अपने घर में आन कर
आशिक को देखते हैं दुपट्टे को तान कर
देते हैं हम को शर्बत ए दीदार छान कर
दुपट्टे को आगे से दोहरा न ओढ़ो
नुमूदार चीजें छुपाने से हासिल
बुझ गई शम्अ की लौ तेरे दुपट्टे से तो क्या
अपनी मुस्कान से महफिल को मुनव्वर कर दे
अबरू आँचल में दुपट्टे के छुपाना है बजा
तुर्क क्या म्यान में रखते नहीं तलवारों को
आ जाए कहीं बाद का झोंका तो मजा हो
जालिम तिरे मुखड़े से डूपट्टा जो उलट जाए
गुदगुदाया जो उन्हें नाम किसी का ले कर
मुस्कुराने लगे वो मुँह पे डूपट्टा ले कर
कौन सानी शहर में इस मेरे मह पारे का है
चाँद सी सूरत डूपट्टा सर पे यक तारे का है
अगरी का है गुमाँ शक है मलागीरी का
रंग लाया है डूपट्टा तिरा मैला हो कर
चाँदनी छुपती है तकयों के तले आँखों में ख्वाब
सोने में उन का डूपट्टा जो सरक जाता है
खींच लेना वो मिरा पर्दे का कोना दफअतन
और दुपट्टे से तिरा वो मुँह छुपाना याद है
बस ये हुआ कि उस ने तकल्लुफ से बात की
और हम ने रोते रोते दुपट्टे भिगो लिए
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