Farsi Shayari In Hindi | फ़ारसी शायरी हिंदी में
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Farsi Shayari (2022-23) In Hindi
Farsi Shayari
मुसहफी फारसी को ताक पे रख
अब है अशआर ए हिंदवी का रिवाज
काएम जो कहें हैं फारसी यार
इस से तो ये रेख्ता है बेहतर
पीरी में शौक हौसला फरसा नहीं रहा
वो दिल नहीं रहा वो जमाना नहीं रहा
Farsi Shayari (2022-23) हिंदी में
जो ये कहे कि रेख्ता क्यूँके हो रश्क ए फारसी
गुफ्ता ए गालिब एक बार पढ़ के उसे सुना कि यूँ
Farsi Shayari (2022-23) 2 line
हजरत ए नासेह गर आवें दीदा ओ दिल फर्श ए राह
कोई मुझ को ये तो समझा दो कि समझाएँगे क्या
खुद फरोशी को जो तू निकले ब शक्ल ए यूसुफ
ऐ सनम तेरी खरीदार खुदाई हो जाए
हकारत की निगाहों से न फर्श ए खाक को देखो
अमीरों का फकीरों का यही आखिर को बिस्तर है
फर्श ए मय खाना पे जलते चले जाते हैं चराग
दीदनी है तिरी आहिस्ता रवी ऐ साकी
है जल्वा फरोशी की दुकाँ जो ये अब इसी ने
दीवार में खिड़की सर ए बाजार निकाली
अभी छुटी नहीं जन्नत की धूल पाँव से
हनूज फर्श ए जमीं पर नया नया हूँ मैं
नाजुकी खत्म है उन पर तो ये फरमाते हैं
फर्श ए मखमल पे मिरे पावँ छिले जाते हैं
सब को फूल और कलियाँ बाँटो हम को दो सूखे पत्ते
ये कैसे तोहफे लाए हो ये क्या बर्ग फरोशी है
क्या रेख्ता कम है मुसहफी का
बू आती है इस में फारसी की
सर के नीचे ईंट रख कर उम्र भर सोया है तू
आखिरी बिस्तर भी आमिर तेरा फर्श ए खाक था
ना तवाई ने न छोड़ा बस कि पेश अज अक्स ए जिस्म
मुफ्त वा गुस्तरदनी है फर्श ए ख्वाब आईने पर
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