Gulaab Shayari In Hindi | गुलाब शायरी हिंदी में
* Shayari In Hindi (* हिंदी में) सम्बंधित हर शायरी पोस्ट के अन्दर है.
Gulaab Shayari
सुनो कि अब हम गुलाब देंगे गुलाब लेंगे
मोहब्बतों में कोई खसारा नहीं चलेगा
मैं चाहता था कि उस को गुलाब पेश करूँ
वो खुद गुलाब था उस को गुलाब क्या देता
ये बुजुर्गों की रवा दारी के पज मुर्दा गुलाब
आबियारी चाहते हैं इन में चिंगारी न रख
गर्मी ए इश्क खिला देती है गालों पे गुलाब
याद आते हैं जो लम्हात गई रातों के
गुल दान में गुलाब की कलियाँ महक उठीं
कुर्सी ने उस को देख के आगोश वा किया
सितारा आँख में दिल में गुलाब क्या रखना
कि ढलती उम्र में रंग ए शबाब क्या रखना
वो जिस के सेहन में कोई गुलाब खिल न सका
तमाम शहर के बच्चों से प्यार करता था
अरक नहीं तिरे रू से गुलाब टपके है
अजब ये बात है शोले से आब टपके है
गहरे सुर्ख गुलाब का अंधा बुलबुल साँप को क्या देखेगा
पास ही उगती नाग फनी थी सारे फूल वहीं मिलते हैं
वो खार खार है शाख ए गुलाब की मानिंद
मैं जख्म जख्म हूँ फिर भी गले लगाऊँ उसे
भरी बहार में इक शाख पर खिला है गुलाब
कि जैसे तू ने हथेली पे गाल रक्खा है
नए दौर के नए ख्वाब हैं नए मौसमों के गुलाब हैं
ये मोहब्बतों के चराग हैं इन्हें नफरतों की हवा न दे
देख लेता है तो खिलते चले जाते हैं गुलाब
मेरी मिट्टी को खुश आसार किया है उस ने
एक मैं ने ही उगाए नहीं ख्वाबों के गुलाब
तू भी इस जुर्म में शामिल है मिरा साथ न छोड़
कहाँ चराग जलाएँ कहाँ गुलाब रखें
छतें तो मिलती हैं लेकिन मकाँ नहीं मिलता
निकल गुलाब की मुट्ठी से और खुशबू बन
मैं भागता हूँ तिरे पीछे और तू जुगनू बन
हसरत ए मौसम ए गुलाब हूँ मैं
सच न हो पाएगा वो ख्वाब हूँ मैं
गुलाब टहनी से टूटा जमीन पर न गिरा
करिश्मे तेज हवा के समझ से बाहर हैं
नाजुकी उस के लब की क्या कहिए
पंखुड़ी इक गुलाब की सी है
काँटों को पिला के खून अपना
राहों में गुलाब बो रहा हूँ
Read More : | Andaz Shayari |
Read More : | Ammi Shayari |
Read More : | Anath Shayari |