Hawa Shayari In Hindi | हवा शायरी हिंदी में
* Shayari In Hindi (* हिंदी में) सम्बंधित हर शायरी पोस्ट के अन्दर है.
Hawa Shayari हवा शायरी हिंदी में (2022-23) In Hindi
Hawa Shayari
हवा की तेज गामियों का इंकिशाफ क्या करें
जो दोश पर लिए हो उस के बर खिलाफ क्या करें
बर्फ मंजर धूल के बादल हवा के कहकहे
जो कभी दहलीज के बाहर थे वो अंदर भी थे
छेड़ कर जैसे गुजर जाती है दोशीजा हवा
देर से खामोश है गहरा समुंदर और मैं
Hawa Shayari हवा शायरी हिंदी में (2022-23) हिंदी में
करते हैं शौक ए दीद में बातें हवा से हम
जाते हैं कू ए यार में पहले सबा से हम
Hawa Shayari हवा शायरी हिंदी में (2022-23) 2 line
उदास शाम की यादों भरी सुलगती हवा
हमें फिर आज पुराने दयार ले आई
हवा को जिद कि उड़ाएगी धूल हर सूरत
हमें ये धुन है कि आईना साफ करना है
रंग बदला फिर हवा का मय कशों के दिन फिरे
फिर चली बाद ए सबा फिर मय कदे का दर खुला
उड़ने दो परिंदों को अभी शोख हवा में
फिर लौट के बचपन के जमाने नहीं आते
मैं जानता हूँ हवा दुश्मनों ने बाँधी है
इधर जो तेरी गली की हवा नहीं आती
वो दिन हवा हुए वो जमाने गुजर गए
बंदे का जब कयाम परी जादियों में था
हवा चली तो कोई नक्श ए मोतबर न बचा
कोई दिया कोई बादल कोई शजर न बचा
जब भी उस जुल्फ ए परेशाँ की हवा आती है
हम तो खुशबू की तरह घर से निकल जाते हैं
हवा से कह दो कि यूँ खुद को आजमा के दिखाए
बहुत चराग बुझाती है इक जला के दिखाए
मिरे वजूद में शामिल था वो हवा की तरह
सो हर तरफ था मिरे बस मिरी नजर में न था
हवा की जद में पत्ते की तरह था
वो इक जख्मी परिंदे की तरह था
हवा पर है ये बुनियाद ए मुसाफिर खाना ए हस्ती
न ठहरा है कोई याँ ऐ दिल ए महजूँ न ठहरेगा
जमाना गुजरा हवा फिर से याद आने लगा
न जाने कौन मुझे ख्वाब फिर दिखाने लगा
बंध गई बाग में तेरी तो हवा बाद ए सबा
उन के कूचे में मिरी आह की बंध जाए हवा
हवा भी इश्क की लगने न देता मैं उसे हरगिज
अगर इस दिल पे होता हाए कुछ भी इख्तियार अपना
अँधेरी शब का सफर था हवा थी सहरा था
दिए को मैं ने बचाया था और दिए ने मुझे
Read More : | Chasma Shayari |
Read More : | Chandni Shayari |
Read More : | Chalak Shayari |