Jaam Shayari In Hindi | जाम शायरी हिंदी में
* Shayari In Hindi (* हिंदी में) सम्बंधित हर शायरी पोस्ट के अन्दर है.
Jaam Shayari जाम शायरी हिंदी में (2022-23) In Hindi
Jaam Shayari
नजर है अपनी अपनी शैख ने देखा न काबे में
मगर हम ने खुदा को जाम बुत खाने में देखा है
जाम है तौबा शिकन तौबा मिरी जाम शिकन
सामने ढेर हैं टूटे हुए पैमानों के
छलके हुए थे जाम परेशाँ थी जुल्फ ए यार
कुछ ऐसे हादसात से घबरा के पी गया
Jaam Shayari जाम शायरी हिंदी में (2022-23) हिंदी में
नमाज शुक्र की पढ़ता है जाम तोड़ के शैख
वुजू के वास्ते लेता है आबरू ए शराब
Jaam Shayari जाम शायरी हिंदी में (2022-23) 2 line
गर्दिश ए मीना ओ जाम देखिए कब तक रहे
हम पे तकाजा ए हराम देखिए कब तक रहे
जहर का जाम ही दे जहर भी है आब ए हयात
खुश्क साली की तो हो जाए तलाफी साकी
जिंदगी इक आँसुओं का जाम था
पी गए कुछ और कुछ छलका गए
दर्द का दिल का शाम का बज्म का मय का जाम का
रंग बदल बदल गया एक नजर के साथ साथ
जब जाम दिया था साकी ने जब दौर चला था महफिल में
इक होश की साअत क्या कहिए कुछ याद रही कुछ भूल गए
ये मय कदा है यहाँ हैं गुनाह जाम ब दस्त
वो मदरसा है वो मस्जिद वहाँ मिलेगा सवाब
सजाओ बज्म गजल गाओ जाम ताजा करो
बहुत सही गम ए गीती शराब कम क्या है
जर्फ ए वजू है जाम है इक खम है इक सुबू
इक बोरिया है मैं हूँ मिरी खानकाह है
गैर लें महफिल में बोसे जाम के
हम रहें यूँ तिश्ना लब पैगाम के
दे मुझ को भी इस दौर में साकी सिपर ए जाम
हर मौज ए हवा खींचे है शमशीर हवा पर
साकिया एक नजर जाम से पहले पहले
हम को जाना है कहीं शाम से पहले पहले
ये तिरी मस्त निगाही ये फरोग ए मय ओ जाम
आज साकी तिरे रिंदों से अदब मुश्किल है
मान मौसम का कहा छाई घटा जाम उठा
आग से आग बुझा फूल खिला जाम उठा
आरजू जाम लो झिजक कैसी
पी लो और दहशत ए गुनाह गई
Read More : | Gulabi Shayari |
Read More : | Gulam Shayari |
Read More : | Gulaab Shayari |