Jawani Shayari In Hindi | जवानी शायरी हिंदी में
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Jawani Shayari
है जवानी खुद जवानी का सिंगार
सादगी गहना है इस सिन के लिए
गलत फहमियों में जवानी गुजारी
कभी वो न समझे कभी हम न समझे
जवानी से जियादा वक्त ए पीरी जोश होता है
भड़कता है चराग ए सुब्ह जब खामोश होता है
तुम्हें है नश्शा जवानी का हम में गफलत ए इश्क
न इख्तियार में तुम हो न इख्तियार में हम
जवानी की दुआ लड़कों को ना हक लोग देते हैं
यही लड़के मिटाते हैं जवानी को जवाँ हो कर
इक काफिर ए मुतलक है जुल्मत की जवानी भी
बे रहम अँधेरा है शमएँ हैं न परवाने
इश्क है अहद ए जवानी के लिए
अहद ए पीरी के तकाजे और हैं
मशहूर जवानी में हो वो क्यूँ न जगत बाज
मैलान ए तबीअत था लड़कपन से जिले पर
मय खाना ए हस्ती में मुफ्लिस की जवानी क्या
इक लग्जिश ए मस्ताना दो चार कदम जैसे
किस तरह जवानी में चलूँ राह पे नासेह
ये उम्र ही ऐसी है सुझाई नहीं देता
जलाल अहद ए जवानी है दोगे दिल सौ बार
अभी की तौबा नहीं ए तिबार के काबिल
दाग के जवानी में भले लगते हैं
मीर की कोई गजल गाओ कि कुछ चैन पड़े
तौबा तौबा ये बला खेज जवानी तौबा
देख कर उस बुत ए काफिर को खुदा याद आया
पीरी में रियाज अब भी जवानी के मजे हैं
ये रीश ए सफेद और मय ए होश रुबा सुर्ख
जवानी को बचा सकते तो हैं हर दाग से वाइ ज
मगर ऐसी जवानी को जवानी कौन कहता है
जवानी की है आमद शर्म से झुक सकती हैं आँखें
मगर सीने का फित्ना रुक नहीं सकता उभरने से
अदब ता लीम का जौहर है जेवर है जवानी का
वही शागिर्द हैं जो खिदमत ए उस्ताद करते हैं
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