Khairiyat Shayari In Hindi | खैरियत शायरी हिंदी में
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Khairiyat Shayari खैरियत शायरी हिंदी में (2022-23) In Hindi
Khairiyat Shayari
इलाही मिरे दोस्त हों खैरियत से
ये क्यूँ घर में पत्थर नहीं आ रहे हैं
शुजा वो खैरियत पूछें तो हैरत में न पड़ जाना
परेशाँ करने वाले खैर ख्वाहों में भी होते हैं
Khairiyat Shayari खैरियत शायरी हिंदी में (2022-23) हिंदी में
दुख्तर ए रज ने उठा रक्खी है आफत सर पर
खैरियत गुजरी कि अंगूर के बेटा न हुआ
Khairiyat Shayari खैरियत शायरी हिंदी में (2022-23) 2 line
मिरे अंदर ढंडोरा पीटता है कोई रह रह के
जो अपनी खैरियत चाहे वो बस्ती से निकल जाए
ये इनायतें गजब की ये बला की मेहरबानी
मिरी खैरियत भी पूछी किसी और की जबानी
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