Khoobsurati Shayari In Hindi | ख़ूबसूरती शायरी हिंदी में
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Khoobsurati Shayari
सब खूब सूरती के झरोकों में हैं मगर
सीरत को सूरतों से कोई छानता नहीं
किस खूब सूरती से जुदा कर दिया हमें
दुश्मन के इस कमाल ने सोने नहीं दिया
मिट्टी की खूब सूरती मिट्टी में मिल के देखिए
छोड़िए इस मकीन को कीजिए अपने घर की सैर
तिनके उठा उठा कर लाईं कहाँ कहाँ से
किस खूब सूरती से फिर आशियाँ बनाया
फाका कशी से मरते हैं मर जाएँ ये अवाम
शहरों की खूब सूरती मेरी नजर में है
बीमार हूँ खूब सूरतों का
हुस्न ए यूसुफ मिरी दवा है
किसी किसी को है मा लूम दर्द अंदर का
कि हम तो हँसते रहे खूब सूरतों के लिए
पसंद है खूब सूरती भी हमारे रब को
सो जान मेरी तरह सँवरना गलत नहीं है
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