Muskurana Shayari In Hindi | मुस्कुराना शायरी हिंदी में
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Muskurana Shayari
मुश्किलों में मुस्कुराना सीखिए
फूल बंजर में उगाना सीखिए
वो कुछ मुस्कुराना वो कुछ झेंप जाना
जवानी अदाएँ सिखाती हैं क्या क्या
मुस्कुराने का यही अंदाज था
जब कली चटकी तो वो याद आ गया
मुस्कुराने की सजा कितनी कड़ी होती है
पूछ आओ ये किसी खिलती कली से पहले
मुस्कुराने का फन तो बअ द का है
पहले साअ त का इंतिखाब करो
दुआएँ कीजिए गुंचों के मुस्कुराने की
अभी उमीद है बाकी बहार आने की
कली की खू है बहर हाल मुस्कुराने की
वगर्ना रास किसे है हुआ जमाने की
न जाने कह गए क्या आप मुस्कुराने में
है दिल को नाज कि जान आ गई फसाने में
मुस्कुराने की सजा मिलती रही
मुस्कुराने की खता करते रहे
मुस्कुराना कभी न रास आया
हर हँसी एक वारदात बनी
गुंचों के मुस्कुराने पे कहते हैं हँस के फूल
अपना करो खयाल हमारी तो कट गई
आप के साथ मुस्कुराने में
जिंदगी एक फूल होती है
नमक भर कर मिरे जख्मों में तुम क्या मुस्कुराते हो
मिरे जख्मों को देखो मुस्कुराना इस को कहते हैं
जो चुप लगाऊँ तो सहरा की खामुशी जागे
जो मुस्कुराऊँ तो आजुर्दगी भी शरमाए
हर एक काँटे पे सुर्ख किरनें हर इक कली में चराग रौशन
खयाल में मुस्कुराने वाले तिरा तबस्सुम कहाँ नहीं है
तिरी निगाह बनी आइना मिरी खातिर
मैं खुद को देख के कल रात मुस्कुराने लगा
कभी ऐसा भी होवे है रोते रोते
जिगर थाम कर मुस्कुराना पड़े है
मैं रो रो के कहने लगा दर्द ए दिल
वो मुँह फेर कर मुस्कुराने लगा
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