Roshni Shayari In Hindi | रोशनी शायरी हिंदी में
* Shayari In Hindi (* हिंदी में) सम्बंधित हर शायरी पोस्ट के अन्दर है.
Roshni Shayari
रौशनी आधी इधर आधी उधर
इक दिया रक्खा है दीवारों के बीच
शुऊर ए जिंदगी की रौशनी में
शब ए गम भी सहर से कम नहीं है
दागों की बस दिखा दी दिवाली में रौशनी
हम सा न होगा कोई जहाँ में दिवालिया
इस दाएरा ए रौशनी ओ रंग से आगे
क्या जानिए किस हाल में बस्ती के मकीं हैं
हजार शम्अ फरोजाँ हो रौशनी के लिए
नजर नहीं तो अंधेरा है आदमी के लिए
शफक हूँ सूरज हूँ रौशनी हूँ
सलीब ए गम पर उभर रहा हूँ
रोज ओ शब याँ एक सी है रौशनी
दिल के दागों का चरागाँ और है
समेट लें मह ओ खुर्शीद रौशनी अपनी
सलाहियत है जमीं में भी जगमगाने की
हर तरफ फैली हुई थी रौशनी ही रौशनी
वो बहारें थीं कि अब के बाग में रस्ता न था
खुदी की रौशनी में मैं ने देखा है अकीदत को
खुदाई वर्ना आजर की मिरी ठोकर पे रक्खी थी
इक दिया दिल की रौशनी का सफीर
हो मयस्सर तो रात भी दिन है
रोक दो ये रौशनी की तेज धार
मेरी मिट्टी में गुँधी है रात भी
तुझे पछाड़ न दें रौशनी में तेरे रफीक
दया बुझे न बुझे तो भी फूँक मार तो ले
दाग ए दिल से भी रौशनी न मिली
ये दिया भी जला के देख लिया
जिस रौशनी पे अक्स का दार ओ मदार है
उस रौशनी को कौन दिखाएगा आइना
मिरी रौशनी तिरे खद्द ओ खाल से मुख्तलिफ तो नहीं मगर
तू करीब आ तुझे देख लूँ तू वही है या कोई और है
Read Also: | Muskurana Shayari |
Read Also: | Dukh Shayari |
Read Also: | Bhaichara Shayari |